डॉ भीमराव अंबेडकर – Dr Bhimrao Ambedkar

डॉ भीमराव अंबेडकर - Dr Bhimrao Ambedkar

डॉ भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में हुआ था। इनका जन्म मध्य प्रदेश के महू गांव में हुआ था। वह इसी जाति से संबंध रखते थे, जिसे अछूत माना जाता था। प्रारंभ में उनका उपनाम सकपाल था, परंतु उनके पिता ने अपने मूल गांव अंबाडबे के कारण उनके पिताजी का नाम पर उनका उपनाम अंबावडेकर लिखवाया था।

Dr Bhimrao Ambedkar के पिता जी का नाम रामजी मालोजी सकपाल था। यह उस समय भारतीय सेना में सेवारत थे। इनके माता जी का नाम भीमाबाई था। डॉ भीमराव अंबेडकर की शादी 15 वर्ष की उम्र में रमाबाई से 1906 में की थी। लेकिन सन 1935 में रमाबाई की मृत्यु हो जाने के कारण उन्होंने दूसरी शादी सविता से की थी। सन 1948 में कर ली थी। सविता एक ब्राह्मण महिला थी। डॉ भीमराव अंबेडकर ने वर्ष 1936 में स्वतंत्र मजदूर पार्टी की स्थापना की थी।

डॉ भीमराव अंबेडकर का जीवन परिचय Bhimrao Ambedkar in hindi

जन्म14 अप्रैल 1891
जन्म स्थानमहू गांव (मध्य प्रदेश)
पिता का नामरामजी मालोजी सकपाल
माता का नामभीमाबाई
पत्नी का नामरमाबाई, सविता
मृत्यु6 दिसंबर 1956
Dr Bhimrao Ambedkar biography

Dr Bhimrao Ambedkar की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई में हुई थी। सन 1908 में उन्होंने 12वीं कक्षा पास कर ली थी। स्कूली शिक्षा पूर्ण करने के बाद उन्होंने मुंबई के एलफिस्टन कॉलेज में दाखिला लिया था। उन्हें गायकवाड राजा सयाजी से 25 रूपये स्कॉलरशिप मिलने लग गई थी। सन 1912 में भीमराव अंबेडकर ने राजनीति विज्ञान व अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि ली थी। इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चले गए थे। सन् 1916 में डॉ भीमराव अंबेडकर को उनके शोध के लिए पीएचडी से सम्मानित किया गया था। इसके बाद बाबासाहब लंदन गए थे। परंतु ने बीच में ही लौटना पड़ा था।

सन 1990 में बाबासाहब को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था।

डॉ भीमराव अंबेडकर का भारत के संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान Bhimrao Ambedkar biography

भारत के संविधान के निर्माण के लिए डॉक्टर अंबेडकर को संविधान का जनक और जननी कहा जाता है।

डॉ भीमराव अंबेडकर ने सर्वप्रथम सविधान सभा के सदस्य बनने के लिए मुंबई की सीट से अपना नाम दर्ज करवाया था। लेकिन इस सीट पर चुनाव हार गए थे। इसके बाद बाबासाहब ने दूसरी बार चुनाव लड़ने के लिए बंगाल की सीट के माध्यम से अपना नाम दर्ज करवाया था। लेकिन इस बार डॉक्टर भीमराव चुनाव जीत गए थे। यह चुनाव मुस्लिम लीग का साथ मिलने के कारण जीत गए थे।

डॉ भीमराव अंबेडकर मुकुंदराज बने। जयकर के इस्तीफा देने के बाद संविधान सभा के मुख्य सद्स्य बने संविधान सभा के प्रारूप समिति के सदस्य बनने के बाद डॉक्टर अंबेडकर ने भारत के संविधान का निर्माण किया था। बाबासाहब को संविधान का निर्माण करने के लिए 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन लगे थे। आखिरकार 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू कर दिया गया था।

आजीविका के लिए संघर्ष Bhimrao Ambedkar ki jivani

डॉ भीमराव अंबेडकर का परिवार निर्धन था। इस कारण से बाबासाहब ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद आजीविका चलाने के लिए कार्य भी किया था। उन्होंने मुंबई के सिडनेय कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स में राजनीतिक अर्थव्यवस्था के प्राध्यापक के रूप में कार्य किया था। इसके पश्चात एक बार फिर भीमराव अंबेडकर इंग्लैंड चले गए थे। सन् 1913 में इनके पिताजी की मृत्यु हो गई थी।

सन 1920 में भीमराव अंबेडकर ने कोलापुर के शासक के सहयोग से एक साप्ताहिक पत्रिका का संपादन किया था, जिसका नाम मूकनायक रखा था।

डॉ भीमराव अंबेडकर ने दलितों के साथ अच्छे व्यवहार, छुआछूत, तथा उनकी स्थिति में सुधार लाने के लिए अनेक प्रयास किए थे। इन्होंने दलित वर्ग के लोगों के लिए बहिष्कृत हितकारिणी सभा का गठन भी किया था। इस सभा का मुख्य मुद्दा था कि समाज के किसी भी वर्ग को आगे बढाना है तो उनको शिक्षित करो शिक्षा दो।

डॉ भीमराव अंबेडकर को बचपन से ही अस्पृश्यता से जूझना पड़ा था। विद्यालय से लेकर नौकरी करने तक उनके साथ भेदभाव किया जाता था। इस भेदभाव के कारण उनके मन को बहुत ठेस पहुंची थी। उन्होंने छुआछूत को पूरी तरह से मिटाने की मन में ठान ली थी। उन्होंने कहा कि दलित और जनजाति के लिए देश में एक अलग चुनाव प्रणाली होनी चाहिए। देश भर में घूम-घूम कर उन्होंने दलितों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई थी और लोगों को जागरुक किया था।

डॉ भीमराव अंबेडकर द्वारा बौद्ध धर्म अपनाने का मुख्य कारण Dr Bhimrao Ambedkar jayanti

Dr Bhimrao Ambedkar का बचपन अत्यंत संस्कारी और धार्मिक माहौल में बीता था। इस वजह से उन्हें अच्छे संस्कार मिले थे। उनका मानना था कि मैं एक ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे सिखाता है। वर्ष 1950 में हुए एक बौद्धिक सम्मेलन में भाग लेने के कारण श्रीलंका गए थे। वहां वह बौद्ध धर्म से बहुत प्रभावित हुए थे। देश वापसी पर उन्होंने बौद्ध धर्म के बारे में पुस्तक लिखी थी। इसके बाद उन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया था। सन 1955 में उन्होंने भारतीय बौद्ध महासभा की स्थापना की थी।

डॉक्टर अंबेडकर ने 14 अक्टूबर 1956 को उन्होंने एक आम सभा का आयोजन किया था, जिसमें उनके 5 लाख समर्थकों ने बौद्ध धर्म को अपना लिया था।

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य Dr Bhimrao Ambedkar essay

  1. Dr Bhimrao Ambedkar भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री बने थे।
  2. लोकसभा के चुनाव में हार हुई थी लेकिन राज्यसभा से एमपी बन गए थे।
  3. डॉ भीमराव अंबेडकर को दलितों का मसीहा भी कहा जाता था।
  4. Dr Bhimrao Ambedkar को शिक्षा के क्षेत्र में सबसे ज्यादा शिक्षित व्यक्ति माना जाता है।
  5. साइमन कमीशन के सहयोग के लिए बनाई गई कमेटी के सदस्य भी थे।

Dr Bhimrao Ambedkar essay ने अंग्रेजी में वेटिंग फॉर ए विजा नाम की पुस्तक लिखी थी। इस पुस्तक में उनकी आत्मकथा है। सन 1923 में बाबासाहब ने अपना शोध रुपये की समस्या को पूरा किया था। इस कारण से उन्हें लंदन विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि प्रदान की गई थी। सन 1927 में कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई थी।

Dr Bhimrao Ambedkar की मृत्यु :-

डॉ भीमराव अंबेडकर की मृत्यु 6 दिसंबर 1956 में मृत्यु हो गई थी। इनका अंतिम संस्कार बौद्ध धर्म के रीति-रिवाज के अनुसार हुआ था।

अन्य टॉपिक :

People Also Ask About Dr Bhimrao Ambedkar :
  1. भीमराव अंबेडकर ने देश के लिए क्या किया?

    भारत के संविधान के निर्माण के लिए डॉक्टर अंबेडकर को संविधान का जनक और जननी कहा जाता है। डॉ भीमराव अंबेडकर मुकुंदराज बने। जयकर के इस्तीफा देने के बाद संविधान सभा के मुख्य सद्स्य बने। संविधान सभा के प्रारूप समिति के सदस्य बनने के बाद डॉक्टर अंबेडकर ने भारत के संविधान का निर्माण किया था। इनको संविधान का निर्माण करने के लिए 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन लगे थे। आखिरकार 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू कर दिया गया था।

  2. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का मृत्यु कब हुआ था?

    डॉ अंबेडकर की मृत्यु 6 दिसंबर 1956 में मृत्यु हो गई थी। इनका अंतिम संस्कार बौद्ध धर्म के रीति-रिवाज के अनुसार हुआ था।

  3. अंबेडकर की दूसरी पत्नी का क्या नाम था?

    डॉ भीमराव अंबेडकर की शादी 15 वर्ष की उम्र में रमाबाई से 1906 में की थी। लेकिन सन 1935 में रमाबाई की मृत्यु हो जाने के कारण उन्होंने दूसरी शादी सविता से की थी। सन 1948 में कर ली थी। सविता एक ब्राह्मण महिला थी।

  4. भीमराव अंबेडकर का जन्म कहां हुआ था?

    डॉ भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में हुआ था। इनका जन्म मध्य प्रदेश के महू गांव में हुआ था। वह इसी जाति से संबंध रखते थे, जिसे अछूत माना जाता था।


  5. भीमराव अंबेडकर के कितने पुत्र थे?

    बाबासाहब के 5 पुत्र हुए थे जिनमे से 4 पुत्रो की बचपन में ही मृत्यु हो गयी थी जो पुत्र जीवित है उनका नाम यशवंत अम्बेडकर है!

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