डॉ विक्रम साराभाई का इतिहास | Dr Vikram Sarabhai biography in hindi

महान वैज्ञानिक डॉ विक्रम साराभाई की जीवनी तथा भारत के लिए इनके महत्वपूर्ण कार्य –

डॉक्टर विक्रम साराभाई (12 अगस्त, 1919- 30 दिसंबर, 1971) भारत के प्रमुख वैज्ञानिक थे। इन्होंने 86 वैज्ञानिक शोध पत्र लिखे एवं 40 संस्थान खोले। डॉ विक्रम साराभाई विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में सन 1966 में भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।

पूरा नामडॉक्टर विक्रम अंबालाल साराभाई
जन्म12 अगस्त 1919
जन्म स्थानअहमदाबाद (गुजरात)
पिताअंबालाल सराभाई
मातासरला देवी
पत्नीमृणालिनी स्वामीनाथन
मृत्यु30 दिसंबर 1971
Dr Vikram Sarabhai biography in hindi

डॉक्टर विक्रम साराभाई के 8 भाई बहन थे। डॉ विक्रम साराभाई एक महान वैज्ञानिक थे। जब यह मात्र 2 वर्ष के थे तब गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर ने भविष्यवाणी की थी कि यह बालक बड़ा होकर एक यशस्वी बनेगा यह भविष्यवाणी सच साबित हुई थी।। डॉ विक्रम साराभाई मात्र 8 वर्ष के थे। तब यह साइकिल पर विभिन्न कला बाजियाँ करते थे। और लोगों को अचंभित कर देते थे। उन्हें साहसिक कारनामें प्रिय लगते थे।गणित तथा भौतिकी के प्रति उनकी गहरी दिलचस्पी थी।

डॉ विक्रम साराभाई की बचपन की घटना :-

जब Dr Vikram Sarabhai 5 वर्ष के थे। तो वह अपने परिवार के साथ शिमला गए थे। शिमला में उनके पिता श्री अंबालाल के नाम ढेरो पत्र आते थे। यह देखकर बालक Dr Vikram Sarabhai के मन में इच्छा जागृत हुई कि मेरे नाम पर भी खूब सारे पत्र आए। इसलिए विक्रम साराभाई ने कई लिफाफों पर अपना नाम तथा पता लिखकर डाकघर में डाल दिया था। फिर उनके नाम पर ढेरों पत्र आने लगे थे। इनके पिताजी ने यह देखा तो उनके मन में Dr Vikram Sarabhai के इस काम के पीछे का उद्देश्य को जानने की इच्छा हुई। इनके पिताजी को इच्छा जानकर अच्छा लगा था।

प्रारंभिक शिक्षा (Dr Vikram Sarabhai in hindi) :-

डॉ विक्रम साराभाई की प्रारंभिक शिक्षा उनके पिताजी तथा माता जी की स्कूल मोंटेसरी लाइन के निजी स्कूल रिट्रीट से प्राप्त की थी। इसके बाद Dr Vikram Sarabhai ने सन 1934 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी। तथा सन् 1934 -37 में गुजरात कॉलेज अहमदाबाद से इंटर मीडियम की पढ़ाई पूरी की थी।

सन 1937 में Dr Vikram Sarabhai इंग्लैंड चले गए थे सन 1940 में कैंब्रिज से गणित और भौतिकी में बीएससी की डिग्री प्राप्त की थी। तथा द्वितीय विश्वयुद्ध के शुरू होने के कारण विक्रम साराभाई भारत लौट आए थे। भारत में इनको सर सी. वी. रामन तथा डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा का साथ मिला था।

विवाह :-

डॉ विक्रम साराभाई का विवाह सन 1942 में हुआ था। इनकी पत्नी का नाम मेरे मृणालिनी स्वामीनाथन था।

डॉक्टर विक्रम साराभाई के कार्य :-

1) डॉ विक्रम साराभाई द्वारा स्थापित संस्थान :-

  1. भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला अहमदाबाद (19 नवंबर 1947)
  2. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट अहमदाबाद।
  3. कम्युनिटी साइंस सेंटर अहमदाबाद।
  4. दर्पण अकैडमी फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स अहमदाबाद ।
  5. विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र तिरुवंतपुरम।
  6. स्पेस एप्लीकेशन्स सेंटर अहमदाबाद
  7. फास्टर ब्रीडर टेस्ट रिएक्टर कल्पकम
  8. बेरिएबल एनर्जी साइक्लोट्रॉन प्रोजेक्ट कोलकाता
  9. इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड हैदराबाद।
  10. यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड जादूगुडा बिहार।
  11. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो की स्थापना Dr Vikram Sarabhai की महान उपलब्धियों में से एक हैं।

2) विक्रम साराभाई की खोज :-

  • डॉ विक्रम साराभाई ने अंतरिक्ष की गहराइयों से आने वाली रहस्यमयी कॉस्मिक किरणों पर अनुसंधान किया था। इस अनुसंधान पर रिसर्च करने के लिए कैंब्रिज विश्वविद्यालय से सन 1947 में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की थी।
  • डॉक्टर विक्रम साराभाई ने ब्रह्मांड तथा सौर मंडल के कई जटिल प्रश्नों का प्रायोगिक हल निकाला था। इसका श्रेय इनको प्राप्त होता है। इनका सुझाव था। कि कॉस्मिक किरण पर प्रयोग करने के लिए हिमालय की ऊंची चोटियां सर्वाधिक उपयोग व अनुकूल है। इसलिए भारत सरकार ने गुलमर्ग मे वैज्ञानिक उपकरणों से लैस एक प्रयोगशाला की स्थापना की थी।
  • डॉ विक्रम साराभाई ने देश में वस्त्र उद्योग की तकनीकी समस्याओं का हल निकालने के लिए अहमदाबाद में ही टेक्स्टाइल इंडस्ट्रीज रिसर्ज एसोसिएशन की की स्थापना की थी।
  • Dr Vikram Sarabhai ने भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला, डॉ विक्रम साराभाई ने , ग्फ्ह्ग्किफ्रफ्ण। , सूर्य, ग्रह, तारा, प्लाज्मा भौतिकी और खगोल जैसे महत्वपूर्ण तथ्यों पर भी कार्य किया था।

विक्रम साराभाई द्वारा निर्मित उपग्रह :-

Dr Vikram Sarabhai की मृत्यु के बाद उनके बताए गए सुझाव पर चलकर भारतीय वैज्ञानिकों ने सन 1975 में स्वदेश में निर्मित प्रथम उपग्रह आर्यभट्ट को अंतरिक्ष में भेजने में कामयाब हो गए थे। इस उपग्रह के कारण ही ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीविजन का प्रसारण, शिक्षा, कृषि जैसे क्षेत्रों में मदद मिल रही है।

इस उपग्रह के माध्यम से मौसम का पूर्वानुमान लगाने में भी मदद मिलती है। आज भले ही विक्रम साराभाई हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन वस्त्र उद्योग, ओषधि उद्योग, परमाणु ऊर्जा, भौतिक मोती विज्ञान के क्षेत्र में उन्नति में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

डॉ विक्रम साराभाई को सम्मान :-

  1. 1962 में डॉ शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  2. सन 1966 में पदम भूषण से सम्मानित किया गया था।
  3. सन 1972 में डॉक्टर विक्रम साराभाई को मरणोपरांत पदम विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

प्रमुख पद (Dr Vikram Sarabhai itihas in hindi) :-

Dr Vikram Sarabhai सन 1966 में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ साइंटिफिक यूनियन के सदस्य रहे थे। सन 1968 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने यूनेस्को मे विज्ञान विभाग के अध्यक्ष बन गए थे। बाद में इनको इंडियन जियोलॉजिकल यूनियन का प्रमुख बनाया गया था। डॉ विक्रम साराभाई सन 1970 में वियेना शांति अंतर्राष्ट्रीय मंच के 14वी परिषद के प्रमुख बने थे। सन 1971 में संयुक्त राष्ट्र संघ परिषद के उपाध्यक्ष तथा बाद में विज्ञान विभाग के अध्यक्ष बन गए थे।

डॉ विक्रम साराभाई की मृत्यु :-

डॉक्टर विक्रम साराभाई की मृत्यु 30 दिसंबर 1971 में हुई थी। इनकी मृत्यु मात्र 51 वर्ष की उम्र में कोई थी। 21 सितंबर 1971 में विक्रम साराभाई को त्रिवेंद्रम के लॉन्चिंग स्टेशन चुम्बा में कार्य का निरीक्षण करने के लिए भेजा गया था। वहां एक होटल में रुके थे। यही हद्दय गति के रुकने के कारण इनकी मृत्यु हो गई थी।

FAQ’s प्रमुख पद (Dr Vikram Sarabhai) –

  1. डॉ विक्रम साराभाई की पत्नी का नाम क्या था?

    इनकी पत्नी का नाम मेरे मृणालिनी स्वामीनाथन था।

  2. Dr Vikram Sarabhai की मृत्यु कब हुई थी?

    डॉ विक्रम साराभाई की मृत्यु 30 दिसंबर 1971 में हुई थी।

  3. इसरो के संस्थापक कौन है?

    डॉक्टर विक्रम अंबालाल साराभाई था।

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