श्री कृष्ण का जन्म और कंस का अत्याचार Mahabharata Part-1

श्री कृष्ण का जन्म और कंस का अत्याचार
श्री कृष्ण का जन्म और कंस का अत्याचार
श्री कृष्ण का जन्म और कंस का अत्याचार

नमस्कार दोस्तों आज हम महाभारत पुराण भाग -1 लेकर आये है जिसमे हम आपको भगवान श्री कृष्ण का जन्म और कंस के अत्याचार के बारे में विस्तार से बतायेंगे Mahabharata

कंस का अत्याचार और भगवान श्री कृष्ण का जन्म महाभारत पुराण की कहानी भाग -1 mahabharata in hindi

 Mahabharata श्री कृष्ण का जन्म महाभारत पुराण में यह बात द्वापर युग की है जब मथुरा के राज सिंहासन पर राजा उग्रसेन विराजमान थे ! बड़े शुभ अवसर पर महर्षि गर्ग के आदेशानुसार राजा उग्रसेन की पुत्री और कंस की बहन देवकी का विवाह ! राजा शूरसेन के पुत्र कुमार वसुदेव से संपन्न हुआ ! जब राजकुमारी देवकी के विदाई का समय आया तो राजकुमार कंस ने वसुदेव के रथ का सारथी बनकर ! उन्हें उनके महल तक पहुंचाने के लिए जा रहे थे तभी रास्ते में जोरदार बिजली कड़की और आकाशवाणी होती है ! की हे पापी मूर्ख कंस जिसे तुम इतने प्रेम से रथ में बिठाकर ले जा रहे हो उसी देवकी केआठवीं संतानसे तेरा सर्वनाश होगा !

इस बात को सुनकर कंस ने देवकी को तलवार से मारना चाहा ! लेकिन कुमार वसुदेव ने वचन दिया कि मैं कभी झूठ नहीं बोलता ! मैं सत्य वचना हूं और आप से वादा करता हूं कि मैं मथुरा में ही रह कर, आपको मेरे 8 पुत्र दे दूंगा और कंस ने उन्हें एक महल में बंदी बना दिया ! सैनिकों का कड़ा पहरा लगवा दिया यह बात जब महाराजा उग्रसेन को पता चली ! तो महाराज ने वसुदेव और देवकी को उस बंदी से मुक्त कर दिया !

कंस का अपने पिता महाराज उग्रसेन को बंदी बना लेना mahabharata

 इस बात का पता कंस को चला गया की वसुदेव और देवकी बंदी मुक्त हो गए हैं ! तो उसने महाराज उग्रसेन के पीठ पीछे विद्रोह करना शुरू कर दिया ! कुछ महीने बीत जाने पर कंस ने अपने प्रिय मित्र मगध के सम्राट जरासंध की सहायता ली, और कुछ सैनिक मथुरा बुलवा लिए ! रात का समय पाकर कंस और बाहर से बुलाए गए सैनिक महाराज उग्रसेन के महल में चले आते हैं ! दोनों सैनिकों के बीच घमासान युद्ध होता है जिसमे मथुरा का सेनापति वीरसेन वीरगति को प्राप्त हो जाता है !  कंस महाराज उग्रसेन को बंदी बनाकर कारागृह में डाल देता है !

उसके बाद कंस के सेनापति देवकी और वसुदेव को बंदी बनाकर. मथुरा नदी के किनारे पर बनी कारागृह में डाल देते हैं !!! श्री कृष्ण का जन्म Mahabharata !!इस सबके बाद कंस ने राज महल के राजपुरोहित से लेकर सभी विशेष नागरिकों को सेना के माध्यम से नजरबंद कर लिया जाता है ! जिससे मथुरा में हो रहे हैं षड्यंत्र का किसी को पता ना चले इस बात का पता ! यादवों के सरदार अक्रूर जी को चल जाता है और उन्होंने मथुरा की सेना से बचकर वसुदेव जी की दूसरी पत्नी रानी रोहिणी और ! अन्य स्त्रियों को बचाकर पास ही स्थित गोकुल में नंदराय जी के घर पर छोड़ दिया !

मथुरा के राज सिंहासन पर कंस का राज्यअभिषेक !! श्री कृष्ण का जन्म  !!

 इस पूरे षडयंत्र के बाद मथुरा के राज सिंहासन पर कंस विराजमान हो जाता है ! कंस के राजा बनते ही उसने देवकी के पहले पुत्र को कारागृह से लाकर मार दिया ! और कंस ने मथुरा के प्रजा पर घोर अत्याचार करना शुरू कर दिया ! जिस से मथुरा की प्रजा मथुरा नगरी से भागकर अन्य राज्यों में शरण लेने लगी ! Mahabharata दूसरी तरफ यादवों के सरदार अक्रूर जी ने धीरे-धीरे सेना को एकत्रित करना शुरू कर दिया था !

एक दिन अक्रूर जी ने अपने एक साथी के माध्यम से वसुदेव जी को एक संदेश भेजो जिसमें लिखा था कि हमारी सेना तैयार है ! आप और देवकी कारागृह से भाग जाए लेकिन वसुदेव जी उस पत्र का उत्तर लिखते हैं जिसमें कहते हैं कि ! अक्रूर जी हमें माफ करें मैं वचन बंद हूं मैंने कंस को वचन दिया है ! कि जब तक मैं अपने आठ संतान कंस को ना सौंप  दूं मैं यहां से नहीं जाऊंगा !

भगवान श्री कृष्ण का जन्म Birth of Lord Shri Krishna mahabharat in hindi

 इस तरह धीरे-धीरे कई वर्ष बीत गए और कंस ने देवकी के एक-एक करके 7 पुत्रों को मार डाला ! जब 8 वे में गर्भ समय आया तो भगवान श्री कृष्ण देवकी के गर्भ में समा जाते हैं ! श्री कृष्ण का जन्म  होता है और दूसरी तरफ यशोदा के गर्भ में देवी योग माया समा जाती है ! उससे पहले वसुदेव की दूसरी पत्नी रोहिणी गर्भ से बलराम जी जन्म ले लेते हैं !  कुछ समय बाद कारागार में देवकी के गर्भ से भगवान श्री कृष्ण जन्म लेते हैं ! श्री कृष्ण के जन्म लेते ही कराग्रे में एक अद्भुत चमक उठने लगती है ! जिससे देवकी और वसुदेव को पता चल जाता है कि यही हमारा तारणहार है !

भगवान श्री विष्णु का प्रकट होना (श्री कृष्ण का जन्म )

 Mahabharata श्री कृष्ण का जन्म मथुरा की कारागृह में भगवान श्री विष्णु प्रकट होते हैं और वासुदेव जी से कहते हैं कि ! मथुरा के पास ही गोकुल में यशोदा के यहां एक लड़की ने जन्म लिया है ! आप अपने शिशु श्री कृष्ण को ले जाकर उस लड़की के जगह पर लेटा दो ! और उस शिशु लड़की को यहां ले आओ !

वसुदेव जी ऐसा ही करते हैं वह जब वसुदेव जी शिशु श्री कृष्ण को अपने हाथ में लेते हैं ! तो उनकी बेड़ियां अपने आप ही खुल जाती है !  और कारागृह के सारे सैनिक बेहोश हो जाते हैं इस तरह वह यशोदा और देवकी के शिशुओं की अदला बदली कर देते हैं !  जब कंस को पता चलता है कि देवकी की आठवीं संतान एक लड़की हुई है तो उसे आश्चर्य होता है ! और वह उसे मारने के लिए जैसे अपनी तलवार उठाता है तो वह बिजली बनकर आकाश में उड़ जाती है ! यह चमत्कार देखकर कंस आश्चर्यचकित हो जाता है ! धीरे-धीरे कुछ समय बीतता गया और कंस ने देवकी और वसुदेव को कारागार से आजाद कर दिया !

उसके बाद कंस को पता चलता है  कि आठवीं संतान श्री कृष्ण कोई और है वह कहीं और बड़ा हो रहा है ! तो उसने मथुरा के सारे शिशु बच्चों को मौत के घाट उतार दिया ! इस तरह कंस ने मथुरा के प्रजा को सताना शुरू कर दिया उन पर कई अत्याचार करने लगा ! लेकिन भगवान श्री कृष्ण तो गोकुल में नन्दराय जी के पास सुरक्षित रहते है ! आगे की कहानी की जानकारी के लिए बने रह एक भारत ( https://history.takliya.com/) पर


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