माउंट आबू – mount abu

माउंट आबू - mount abu

माउंट आबू Mount abu नगरपालिका राज्य की सबसे पुरानी नगरपालिका है। राजस्थान में माउंट आबू नगरपालिका की स्थापना 1864 ई. में ब्रिटिश हुकूमत के समय हुई थी। ब्रिटिश शासन में माउंट आबू में राजपुताना गवर्नर जनरल के एजेन्ट (AGG) का मुख्यालय था। माउंट आबू को ‘राजस्थान का शिमला’ व ‘बर्खोयांस्क’ भी कहते हैं। यह राज्य में सर्वाधिक ऊँचाई पर बसा नगर है। इस पर्वत पर अनेक हिन्दू देवी-देवताओं के मंदिर बने होने के कारण कर्नल टॉड ने इसे ‘हिन्दू ओलम्पस’ (देव पर्वत) कहा है। यहाँ राज्य का पहला इको फ्रेजाइल जोन स्थापित किया गया है। आबू पर्वत अरावली पर्वत माला का भाग है इसकी सबसे ऊँची चोटी गुरुशिखर ( 1722 मीटर) है। माउंट आबू  (Mount abu) प्रदेश का एकमात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल है।

नक्की झील Mount Abu :-

आबू पर्वत पर स्थित इस झील के बारे में लोकोक्ति है कि देवताओं ने अपने नाखूनों से इस झील को खोदा था, इसी कारण इस झील का नाम नक्की झील पड़ा। इस झील के किनारे के पास के पर्वतों पर हाथी गुफा, चम्पा गुफा व रामझरोखा आदि प्रसिद्ध गुफाएँ है। यहाँ टॉड रॉक (मेंढाकाकार चट्टान) व नन रॉक (घूघट निकाले स्त्री की आकृति की चट्टान) भी है।

गुरु शिखर माउंट आबू :-

यह अरावली पर्वत श्रृंखला का सर्वोच्च शिखर है। इस पर्वत पर भगवान विष्णु के अवतार भगवान दत्तात्रेय एवं भगवान शिव के मंदिर भी स्थित है। पास की दूसरी चोटी पर भगवान दत्तात्रेय की माता का मंदिर स्थित है। यहीं 14वीं शताब्दी के धर्म सुधारक स्वामी रामानंद के चरण युगल भी स्थापित है। गुरु शिखर को कर्नल टॉड ने संतों का शिखर कहा है।

सनसेट पॉइंट Mount Abu :-

नक्की झील के उत्तर-पश्चिम में पहाड़ों के बीच इस स्थान से सूर्यास्त का मनमोहक दृश्य दिखाई देता है

हनीमून पॉइंट माउंट आबू :-

सनसेट पॉइंट के पास ही प्राकृतिक रूप से दो चट्टानें पास-पास खड़ी हैं जो नवविवाहितों के लिए कौतूहल उत्पन्न करती है। इसी स्थल को लवर्स रॉक या हनीमून प्वाइंट कहा जाता है।

देवांगन Mount Abu :-

आबू पर्वत पर स्थित यह भगवान नृसिंह का मंदिर है जो देवांगन कहलाता है। यहाँ भगवान विष्णु की कमलासनासीन बुद्धावतार मुद्रा की प्रतिमा है।

करोड़ी ध्वज Mount Abu :-

यह सूर्य मंदिर है जिसमें तीन ओर सात अश्वों के रथ पर आरुढ़ भगवान भुवनभास्कर का विग्रह है।

अचलगढ़ माउंट आबू :-

अचलगढ़ दुर्ग का निर्माण परमार शासकों ने करवाया था। इसका पुनः निर्माण महाराणा कुम्भा ने करवाया था। परमारों ने यहाँ अचलेश्वर महादेव मंदिर का भी निर्माण करवाया था। यह मंदिर 108 शिवलिंगों वाला है किन्तु मुख्य स्थल पर शिवलिंग के स्थान पर एक लघु गहवर बना हुआ है जो काशी विश्वनाथ का अंगूठा बताया जाता है। पीतल का विशाल नंदी भी मंदिर के मुख्य ग्रह में स्थापित है। नंदी के पास ही कवि दुरसा आढ़ा की मूर्ति है। दुरसा आढ़ा अकबर का दरबारी कवि था। मंदिर में राजा कन्हडदेव की पाषाण प्रतिमा तथा एक तोरण भी मौजूद है। मंदिर के पास ही मंदाकिनी कुण्ड भी है।

अनादरा पॉइंट :-

यह नक्की झील के पश्चिम की ओर पर्वतीय ऊँचाई पर स्थित है। अनादरा पॉइंट के पास ही पर्वत पर पालनपुर पॉइंट भी बना हुआ है।

अर्बुदा देवी (अधर देवी) :-

माउंट आबू में अर्बुदा देवी का मंदिर भी स्थित है। अर्बुदा देवी को आबू की अधिष्ठात्री देवी भी कहा जाता है।

दूध बावड़ी :-

अर्बुदा देवी के मंदिर की तलहटी में दूध बावड़ी नामक ऐतिहासिक स्थल भी है।

माउंट आबू Mount abu के अन्य स्थल :-

1) ट्रेवर्स टैंक

2) चन्द्रावती नगरी (आबू Abu के परमारों की पूर्व राजधानी) :-

कहा जाता है कि आबू पर्वत पर ऋषि वशिष्ठ ने यज्ञ किया व अग्निकुंड से चार राजपूत योद्धा (अग्निकुल) (क)चौहान, (ख) परमार, (ग) प्रतिहार एवं (घ) सोलंकी उत्पन्न हुए।

3) प्रजापति ईश्वरीय विश्वविद्यालय भी माउन्ट आबू  Mount abu (सिरोही) में स्थित है।


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