महाराजा सूरजमल का जीवन परिचय
महाराजा सूरजमल का जन्म 13 फरवरी 1707 ई. (माघ शुक्ल विक्रम संवत 1763) कामर में हुआ था।
महाराजा सूरजमल का राज्य अभिषेक 22 मई 1755 डीग (भरतपुर) में हुआ था। विधिवत रूप से 9 जून 1756 ई. को राजा बने थे।
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इनके पिता महाराजा बदन सिंह का नाम तथा माता रानी देवकी का नाम था
उपनाम - जाटों का प्लेटो कहा जाता है अफलातून जाट साम्राज्य की आँख भी कहा जाता है।
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अब्दाली ने महाराजा सूरजमल को निशान, नगाड़े, पंचरंगे झंडे के साथ
ब्रिजराज ब्रिजेंद्र सवाई के खिताब से नवाजा था।
24 दिसंबर 1763 को महाराजा सूरजमल ने दिल्ली जीत कर एक बार फिर हिंदुस्तान के अजेय महायोद्धा बनने का इतिहास रचा था।
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महाराजा सूरजमल की 25 दिसंबर 1763 ई को मृत्यु हो गयी
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