जाने लाल किला क्यों है फेमस, क्या है खास वजह

लाल किले को पांचवें मुगल बादशाह शाहजहाँ द्वारा 1639 में अपनी राजधानी शाहजहानाबाद के महल के रूप में बनाया था

इसका नाम लाल किला इसकी लाल बलुआ पत्थर की विशाल दीवारों की वजह से हुआ है। यह किला 1546 ईस्वी में इस्लाम शाह सूरी द्वारा निर्मित पुराने सलीमगढ़ किले के बिलकुल करीब है 

इस किले के शाही हिस्से में मंडप की एक पंक्ति होती है, जिसे स्ट्रीम ऑफ़ पैराडाइज़ (नाहर-ए-बिहिश्त) के रूप में जाना जाता है। 

किला परिसर वो हिस्सा है जो शाहजहाँ और मुगल रचनात्मकता के क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए जाना जाता है 

मुग़ल राजधानी आगरा से शाहजहाँनाबाद चले जाने के बाद लाल किले का निर्माण मुग़ल साम्राज्य की नई सीट के रूप में किया गया था। यह किला लाल बलुआ पत्थर से बना है  

जिसकी दीवार वाला गढ़ पूरा होने में लगभग एक दशक लग गया। ऐसा बताया जाता है कि यह मुगल साम्राज्य की पिछली पीढ़ी की तुलना में अच्छी तरह से नियोजित और व्यवस्थित बना हुआ था 

लाल किले पर राज करने वाला आखिरी मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर था। इसके बाद भारत में अंग्रेजो ने कब्ज़ा कर लिया था। 

लाल किला भारत का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। इसकी खूबसूरत वास्तुकला और अपना एक ऐतिहासिक महत्व है जो कि यहाँ आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करता है 

भारत के पर्यटकों के लिए लाल किले के एक टिकट की कीमत 35 रुपये है और विदेश से आने वाले लोगो को इस किले के लिए 500 रुपये प्रवेश शुल्क देना होगा। 

लाल किला भारत का एक बहुत खास पर्यटन स्थल है जो दिल्ली शहर के ठीक बीच में स्थित है। दिल्ली देश की राजधानी होने की वजह से आप हवाई जहाज से यहाँ आसानी से पहुँच सकते हैं  

यहाँ से आप किसी कैब सर्विस से आसानी से लाल किला पहुँच सकते हैं। दिल्ली का मेट्रो स्टेशन पुराने रेलवे स्टेशन और नए रेलवे स्टेशन हवाई अड्डे से जुड़ा हुआ है।