जाने हरिहर किले के बारे में यह खास बाते, क्या है इसका रहस्य

महाराष्ट्र में लगभग हर जिले में खूबसूरत पहाड़ी किलों मौजूद हैं। इन किलों का एक अपना समृद्ध इतिहास है। साथ ही, यह किले समय के साथ पर्यटकों के लिए एक विशेष स्थान बन गए हैं।

इन किलोंमें से एक है महाराष्ट्र का हरिहर किला, जो पर्यटकों के लिए ट्रेकिंग व घूमने का एक मुख्य केंद्र बन गया है 

आपको बता देें कि इस किले तक पहुंचना हर किसी के बस की बात नहीं है क्योंकि इसकी कई जगह चढ़ाई 90 डिग्री तक है। 

हरिहर किला या हर्षगढ़ एक ऐसा किला है, जो सह्याद्री की हरी-भरी पहाड़ियों के ऊपर स्थित है, जिसे पश्चिमी घाट भी कहा जाता है। 

यह किला पहाड़ पर 170 मीटर की ऊंचाई पर बना है। यहां जाने के लिए एक मीटर चौड़ी लगभग 117 सीढ़ियां बनी हैं। 

साथ ही, इस किले की लगभग 50 सीढियां चढ़ने के बाद मुख्य द्वार, महादरवाजा आता है, जो आज भी बहुत अच्छी स्थिति में है। 

किले का अधिकांश भाग समय की कसौटी पर खरा नहीं उतर सका, फिर भी इसकी संरचना प्रभावशाली है। किले के आधे रास्ते तक पहुंच काफी आसान है 

पहाड़ी की तलहटीसे जुड़े कई रास्ते वहां से एक जलाशय और कुछ कुओं के साथ जुड़ते हैं। गैरीसन के लिए यहां कुछ घर भी थे, जो अब अस्तित्व में नहीं हैं। 

इस किले का निकटतम अंतरराष्ट्रीय और घरेलू हवाई अड्डा छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, मुंबई (170 किमी) है।